Tuesday, 30 July 2013

ज़िन्दगी को एक मुकम्मल...

ज़िन्दगी को एक मुकम्मल जहाँ दे दो
मेरी धरती को थोड़ा सा आसमान दे दो
मुठ्ठी भर खुशियाँ दामन में समा लूँ
गम के आने तक ज़िन्दगी को ये फ़रमान दे दो 

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